मुरझाई पवन का शोर

ये देखो कैसी ब्यार है ।
हर तरफ मुरझाई पवन का शोर बारम्बार है ।
कही कमल हवा में लहरा कीचड़ में गिर रहा है ।
कही हाथ हवा में लहरा खुद का पसीना पोछ रहा है ।
अब तो झाडू भी सड़को से पहले घर साफ कर रही है ।
अपने तन का पसीना मफ़लर से पोछ रही है ।
ये देखो विरोधी हवाएं खुद को तलाशती यहाँ आ रही है ।
जाने अब क्या होगा ।
धरती पर बाढ़ आयेगी या आग लगेगी ।
पर मुझे क्या कुछ भी हो । मेरा तो हश्र अब भी पहले
जैसा ही होगा ।
घर का चूल्हा बड़ी किफ़ायत से चलेगा !!

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