विचारों का आहता


         ये तो जिन्दगी का खेल है।
तू हौसला रख नहीं तो बेवक़्त मारा जायेगा।
यहाँ हर अपराध खेल है।  बस एक शर्त ...है।
तू शातिर होना चाहिए।  नहीं तो प्रकृति भी मार मारेगी
किस्मत की .......
यहाँ हर बात पर राजनीति होती है ,
यहाँ हर जीत पर नारेबाज़ी होती है ,
यहाँ हर तरफ मीडिया का बोलबाला है ,
कहीँ नीरव कहीँ विजय माल्या है ,
जो देश की सोने की चिड़िया ले उड़े है !
मुझे तो अब कुछ समझ में नहीं आता है।
जिधर से हवा आती है , उधर जाती हूँ।
और अपना आधार कार्ड ढूंढती हूँ ,
न जाने कहाँ रख दिया है।
आज मुझे मंदिर जाना है।
वो भी इस शहर में बहोत मशहूर है।
अगर आज आधार न मिला तो मुझे डर है , क्या पता
माता के दर्शन होंगे या नहीं।
अरे याद आया वो तो मैं बैंक में रख आयी थी।
सब ने कहा था था।  अब यही तुम्हारा मझधार है !!!!






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