किताबी एहसास पर सच्चा.....बिल्कुल सत्य.......

आसमानी रिश्तों की परिभाषा........
काले बादलों जा शोर......सूरज ,चाँद , तारें ,
आकाशगंगाये , ग्रह-उपग्रह , लेकिन इन सबमें
सबसे आगे कान्हा का ओमकार............
शिव की जटाओं पर सुशोभित होता ॐ............
और उन सबमें भी सबसे प्यारा आसमानी रिश्ता ,
आसमानी छत्र-छाया में पलता ज़मी का सुकून..........
किताबो की दुनिया में खोकर एक पहचान बनाई तुमने ,
पर होते गए अपनों के मेहमान जैसे.........
दोस्तों का मतलबी झुंड बरसाता प्यार.......पर खुद के
फायदे के लिए.........बस
तुमने पूरी दुनिया समेत ली एक अलमारी में ,
जैसे बरसो से अलमारी में तह किया रखा हो ,
कोई पुराना कोट........
और उसकी सलवटों में तुम्हारी यादें , बातें , खुशियां ,
तन्हाई , विचार , अपनापन सब पड़ा -पड़ा कसमसा ,
रहा है......और तुम हँसने का जिस्मानी रिश्ता निभाने में
व्यस्त...............
क्योंकी तुम्हे पता है......दिखावे की दुनिया का सच..........
अपनों का दिखावटी प्यार.........
तुम्हारी दौलत , प्रसिद्धई की चका-चोंध जिसे सब भोगते है ....
तुम्हे बेवकूफ बना कर पर तुम उन्हें जानते हो बेवकूफ तुम
नहीं वो खुद बन रहे है......
तुम थोड़ी दौलत उन पर लूटा उनको भी सुकून
पंहुचा देते हो........
कितने सच्चे हो तुम बिल्कुल कान्हा के जैसे........
सब तुम्हे अपना रोना सुनाते है , और तुम सुनते हो ,
उनको भी प्यार से थपथपा सुकून देते हो , उनकी मदद
करते हो यही तो है सच्ची इनसानियत..........
जैसे कान्हा करता था सबका दुःख दूर सब में घुल मिल कर......
ये तो इस ब्रह्मांड का अटल सत्य जो आता है जाता भी है ।
कोई यहाँ सदा के लिए नहीं रुकता बस उसकी यादें नहीं
मारती बातें नहीं मरती ।
सदा अमर रहती है ।
कान्हा के महाभारत सी......
राम के रामायण सी...........
कर्म भूमि के युद्ध सी.......सब आज भी है लेकिन
बस एक गूंज में यादों में.......
जैसे हम भी रहने वाले है लोगो की यादो में गूंज में........
लोगो की मुस्कराहट में.........
                 झुलसती गर्मी में बरसते बदलो सा तेरा एहसास...
                 नर्म सर्दियों में गर्म शॉल सा तेरा एहसास.......
                 बसंत में नर्म कोंपलों सा तेरा एहसास........
                  बरसात में छतरी सा तेरा एहसास........
                  हर रूप तेरा अलग.........
                  हर एहसास तेरा अलग.....
                  और हर जगह तू .......
                  जैसे धान के खेतों में कनक की बालियां ,
                  लहराई हो.......
                  अमावस का चाँद चुपके किसी कोने से ,
                   देख रहा हो........
                   मंदिर मे शांत , स्वछ , निर्मल , वातावरण ,
                    फैला हो हर तरफ़........
                          ............💐💐💐💐💐.............








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