राधा कान्हा का प्यार.........

  बंद पलकों के ख़्वाब तुम.......
हर सांस के एहसास तुम........
सामने न सही पर मेरे आस-पास तुम.......
नज़रो से दूर सही पर नज़रो की प्यास तुम.......
मेरे नर्म नाज़ुक लबों पर तेरे लबों की मुस्कान
ठहरी है.......
तेरे चेहरे की हंसी मेरे चेहरे पर आकर रुकी है.......
मेरे जज्बातों में खुशबू तेरे प्यार की मिली है.......
मेरी चूड़ियों में झंकार तेरी शरारती उंगलियों
की मिली है.......
मेरे आंचल में हया तेरे एहसास की सिमटी है......
मेरे पायल में झंकार तेरे बेसबर अदाओं की
मिली है.......
मेरे नूपुर में दमक तेरे हसीन इशारे की मिली है.......
मेरी नज़रे उनकी नज़रो से क्या मिली
रौशन फिजायें हो गई.......
जिंदगी भर की खुशी उनसे इक इश्क़ में
मिल गयी.......
मेरी सारी खुद्दारी अब उनसे जा मिली.......
मेरी हर खुशी अब उनसे जा मिली.......
मैंने अपनी किस्मत के दरवाज़े पर बस उनका
नाम लिख दिया......
अपने हर सवाल पर बस दीदार उनका लिख
दिया..........


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