यामिनी......

 💝💝मुदित यह यामिनी कहती......
कि संयम तोड़ दूँ सारे
शगुन तेरे अधर से कर
प्रणय रस माधुरी भर दूँ
विचुम्बित कर नयन तेरे
सुनहरे स्वप्न मैं भर दूँ
मंदिर हर सांस में घुलकर
तृषा चिर तृप्त मैं कर दूँ💝💝
💝💝मुदित यह यामिनी कहती......
कि जिंदगी दो दिन की कहानी
क्या पाना क्या खोना है।
बस एक अधूरी सांस में
पूरी सांस बन
तुझमें घुल जाना है।
तेरे पास आकर
तेरा बन जाना है।💝💝


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