दोस्ती मोगरे जैसी.....🍁🌿

हर रिश्ते का नूर, दोस्ती का सुरूर🍁
जैसे पानी में घुलता हर रंग🍁,
वैसे दोस्ती में घुलता हर जज़्बात, हर रंग🍁
बेबाकी से हर बात कह जाना दोस्ती,🍁
नम आंखो से मुस्कुराना दोस्ती,🍁
हर दर्द बाँट लेना दोस्ती,🍁
बारिश में पलकों पर बहते अश्क़ो को
पहचान लेना दोस्ती,🍁
दोस्त की हर बात पे दाद देना,🍁
और कहना अरे मैं हूँ न,🍁
तू चिंता मत कर,🍁 ये दोस्ती 🍁
वक़्त के हासिये पर हर चीज ढलती है।🍁
पर दोस्ती वक़्त के हासिये पर रोज़
परवान चढ़ती है।🍁
हीरे के ख्वाइश में दोस्ती की हसरत न करना,🍁
बस भीगे मौसम में गीली मिट्टी की फिसलन
में दोस्त के आगे हाथ बढ़ाना,🍁
दोस्ती की नई कोपलें गीली मिट्टी में ही फूटती है।🍁
अगर दोस्ती चाहिए तो मन से बेबुनियाद शक़
उलीच दो,🍁 अपने रब पर यक़ीन रखो फिर
दोस्ती मिल जाती है,🍁 परवान चढ़ जाती है।
दर्द देने का करार दोस्ती.......🍁🌿
दर्द लेने को बेकरार दोस्ती......🍁🌿
दर्द न हो तो बेकार दोस्ती......🍁🌿
मीठा दर्द, मीठा प्यार दोस्ती......🍁🌿
थोड़ा करार, थोड़ा तकरार दोस्ती......🍁🌿


               










टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उस पार जाऊँ कैसे....!!!

प्यार के रूप अनेक

कौन किससे ज्यादा प्यार करता है??