तेरी धड़कने मेरी सांसे......

यादों की किताब के,
हर पन्ने पे दिखती,
तुम्हारे दिल की धड़कन,
और उठती एक खुशबू
एक तरंग,,
मोगरे के हर सफे से,,
खो जाती हूँ,
तुम्हारी सुनहरी यादों में,
बाँहो के घेरे में,
यादों के धुएं में,
मेरा बदन महक उठता है।
और रातों के रतजगें करता है।
तुम्हारी दीवानगी में,
तन/बदन जलता है।
डूब जाता है।
तुम्हारी ख़ुशबुओं में,
बह जाता है।
तुम्हारी अल्हड़ दीवानगी में,
पिघल जाता है।
तुम्हारे खूबसूरत तारीफों से,
सच कहूँ तो,,
तुम्हारी वाणी से जो मधु टपकता है। न
वो मेरे हौसले को ऊँचाई देता है।
मेरे दुर्गम मार्गो पर चलने की,
हौसला अफ़जाई करता है।
मेरे सफ़र के खाई को,,
पाटता है।
तुम्हारे वजूद का पारदर्शी, सच्चा इंसान
मुझे मेरे वजूद से मिलवाता है।
मुझे मेरे होने का एहसास करवाता है।
तुम्हारी यादों का हर पन्ना,
मेरे दिल की किताब में बंद है।
मेरे जिस्म में कैद है।
मेरी मुस्कुराहटो में,
ख़ुशबुओं सा,
बिखर रहा है।
मदहोशी सा,
महक रहा है।













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