शब्द.......

शब्द......
सत्य की राह पर
कभी लोहे की चोट
कभी सुनार की हल्की थाप
शब्दों की वाणी.......
मधुर, अमृत मन को तृप्त करती है।
और कड़वी वाणी जहर,
इंसान को जीते जी मारती है।
व्यक्ति का व्यक्तित्व,
शब्दों की वाणी में झलकता है।
शानदार शब्द, शानदार व्यक्तित्व.....
प्यार की रूप/ रेखा में
रुपहले शब्द,
दर्द की अनुभूति में,
जाऱ/जाऱ रोते शब्द,
शब्दों के सागर में,
ज़मी/आसमां की बातें,
चाँद/सितारों की रातें,
सब परिपूर्ण होते है।
शब्द कमाल के होते है।
हर भाषा में ढल जाते है।
कभी खिल जाते है।
कभी मुरझा जाते है।
सब को करीब लाते है।
शब्द......!!!
































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