सुनो तुम ही तुम हो हर जगह 💝💝💝

 सुनो तुम ही 💝
दस्तक देते हो 💝
मेरे जज़्बात पे 💝
और पसर जाते हो 💝
मेरे ब्लॉग में 💝
बिन बुलाए मेहमान से 💝
मैं कब जिक्र तुम्हारा 💝
किया करती हूँ 💝
मेरे लफ्जों में 💝
छिप जाते हो 💝
आवारा ख़्वाब से 💝
मैं कब तुम्हे देखा करती हूँ। 💝
मैं कब तुम्हे सोचा करती हूँ। 💝
तुम तो बस 💝
आ जाते हो 💝
फूल पर भवरें से 💝
छा जाते हो 💝
मोगरे के इत्र से 💝
मेरे ब्लॉग पर 💝
मेरे जीवन पर 💝
मेरे चेहरे पर 💝
ये जो हँसी 💝
तुमने सजाई है न 💝
उसे यू ही संवारे रखना 💝
चिलकती धुप में  💝
उड़ा न देना। 💝
सुनो तुम ही  💝
मेरे चाँद-सूरज 💝
तुम ही मेरे 💝
माथे के 💝
बिंदिया सितारें 💝
तुम ही मेरे 💝
जीवन के उजियारे 💝
तुम ही मेरे 💝
दर्पण के श्रृंगार 💝
तुम ही मेरे 💝
जीवन के बहार ! 💝💝💝









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