तुम कौन........??

 ***"कौन तुम मेरे हृदय में
        कसक नित नई जगाती
        कौन प्यासे लोचनों से
        स्वर्ण सपनों को जगाती
        नींद के सुने निलय में
        कौन तुम मेरे हृदय में?"***
 तुम कौन मेरे हृदय में प्रेम की नित नई
अगन जलाते हो,
तुम कौन जो मेरे प्यासे लोचनों की प्यास को
अमृत से छलकते कलशों से मिटाते हो,
तुम कौन जो मेरे स्वर्ण सपनों में आ 
मेरी नींदे चुरा लेते हो,
तुम कौन जो मेरे हृदय में नित नई उम्मीदे
जगाते हो,
तुम कौन जो मेरे इशारों पर नाचने का ढोंग कर
मुझे अपने इशारों पर नचाते हो,
तुम कौन जो मेरे मन मस्तिष्क पर अपना
अधिकार जमा बैठे हो,
तुम कौन जो कंटीले दरख्तों की भीड़ में भी
मुझे नर्म मख़मली घास का एहसास कराते हो,
तुम कौन जो मेरे हृदय में मेरी सांसे बन 
मुझे जिंदा करते हो,
तुम कौन??
              "बहोत प्यासी हो
               चलो उर ताप मैं हर दूँ
               मिटा कर त्रास अब मन की
               अधर मधुमास अब भर दूँ" !!!








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