जीवन यात्रा.....

जीवन यात्रा कितनी गहरी और  विराट है।
ये हममें से कोई नही जानता.....
दलदली जमीन पर उड़ने की कोशिश बेकार है। वहाँ तो
एक- एक कदम हल्के से रख आगे बढ़ना पड़ता है....।
पानी की सतह पर लहरों के साथ सूरज की किरणें अठखेलियां करती है और आगे बढ़ जाती है।
वहाँ रूकती नही है....।
जीवन यात्रा में बहुत से लोग जुड़ जाते है और बहुत से
बिछड़ जाते है। ये एक लंबा सफ़र है....।
जीवन-संघर्ष में घटनाओं का दौर चलता रहता है। रुकता नहीं
ये घटनाएँ मटमैले पानी की तरह होती है। थोड़ी देर रुकने
पर ही कचरा तलछट में बैठता है फिर पानी साफ दिखता है।
हम जो सोचते है वही पाते है....।
"आकर्षण का सिद्धांत भी यही है, हम जो सोचेंगे वही चीज
हमारी तरफ आकर्षित होती है, हमारा दिल दिमाग उन्हीं चीजों को पाने की कोशिश करता है।
लगातार उन्हीं चीजों को सोचने की वजह से हम पाते भी वही है....।
अच्छा सोचते है तो अच्छा
बुरा सोचते है तो बुरा।"
जीवन में प्रेम भी बहुत महत्वपूर्ण है....।
"प्रेम वो तत्व है जो दिखाई नही देता लेकिन ये उतना ही
सच है जितना हवा और पानी। ये अभिनय की तरह है,
जीवन है, आगे बढ़ने की ऊर्जा है। ये लहरों और धाराओं
सा बहता है, जैसे समुन्द्र।" ये कहा है...प्रेन्टिस मलफर्ड ने !!
सफलता मिलती नही है ये हमे कमानी पड़ती है,
जीवन के भौतिक सुखों को भूलकर लगातार मेहनत करके।
जीवन यात्रा में विनम्रता भी बहुत जरूरी तथ्य है,
ये हमें एक आदर्श इंसान तो बनाती ही है। हमें सुकुन भी
पहुंचाती है। यही जीवन धारा है....हमें सदैव बहते रहना है।
रुकना नही है....मंजिल दूर सही पर पर ओझल नही है!!
हमारा जीवन बहुमूल्य है....।
इसे ऐसे ही खोना नहीं है....!!!





                             









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