फरेबी पिया......!!!!

यादों के बस्ते में,
तुम फरेबी पिया...
मन में घूमते रहते हो...।
आँखों में लहरें ला,
साहिल पर रेत बिखेरते हो।
घने देवदार से अकड़,
मुस्कुराते रहते हो...।
जिंदगी में रहस्य,
रोमांच तलाशते रहते हो...।
सर्पिली राहो पर,
अनूठा सफ़र करते हो...।
यहाँ-वहाँ की बातें कर,
जिंदगियों को परखते रहते हो...।
गहरे इश्क़ की वसीयत,
दिल में छिपाये चलते हो...।
आह से वाह की पंक्ति में,
लाजवाब शब्द पिरोये चलते हो...।
फरेबी पिया......
तू बड़ा रे.... हरजाई......
दिल का सौदाई....
माने न...माने न....
रंग-बिरंगी मौसमो...सा....
मेरे तन से लिपट गया रे....
बेरंग आँसुओ में....
लाल रंग बन बह गया रे....
बह गया रे....!!!



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