विहंगम दृश्य....!!!
मेरा जिस्म पानी पर तैरता एक गांव सा है...।
जिसमें दर्द के चश्में बहते है...।
बिन मौसम नदी में तूफान आता रहता है...।
रिश्तों को सींचते-सींचते...
सब खाली-खाली सा हो गया है...।
फिर भी खारा जलस्तर...
बढ़ता ही जा रहा है...।
प्राकृतिक सौंदर्य तो अब भी कायम है...।
पर जिन्दगी की ऊष्मा कहीं पीछे छूट गयी है...।
खुशियों का आश्चर्य मिश्रित अहसास होता रहता है...।
नील गगन में उड़ा सीधा पाताल में फेंक दी जाती हूँ...।
सारी उपलब्धियां गिना...
पाई-पाई की मोहताज कर दी जाती हूँ...।
मगरमच्छो के बीच कमल सा खिल शांत रहने का...
विहंगम दृश्य समझ तारीफ की पात्र बना दी जाती हूँ...।
छल-कपट से घिरी तेज लहरों में...
मुरझाई पवन के झोंके सी तैरती रहती हूँ...।
भारी वर्षा के बढ़ते जलस्तर में...
शांत झील बन डूबते सूरज की लालिमा...
से चमकती रहती हूँ...।
तेज धारा में बह चटटानों से टकरा...
शंख-सीपियों सी बिखर...
रेतीले तट की शोभा बढ़ाती रहती हूँ...।
अलविदा कहने की कोशिश में...
रोज जीती जा रही हूँ...
मुस्कुराती जा रही हूँ...!!!
जिसमें दर्द के चश्में बहते है...।
बिन मौसम नदी में तूफान आता रहता है...।
रिश्तों को सींचते-सींचते...
सब खाली-खाली सा हो गया है...।
फिर भी खारा जलस्तर...
बढ़ता ही जा रहा है...।
प्राकृतिक सौंदर्य तो अब भी कायम है...।
पर जिन्दगी की ऊष्मा कहीं पीछे छूट गयी है...।
खुशियों का आश्चर्य मिश्रित अहसास होता रहता है...।
नील गगन में उड़ा सीधा पाताल में फेंक दी जाती हूँ...।
सारी उपलब्धियां गिना...
पाई-पाई की मोहताज कर दी जाती हूँ...।
मगरमच्छो के बीच कमल सा खिल शांत रहने का...
विहंगम दृश्य समझ तारीफ की पात्र बना दी जाती हूँ...।
छल-कपट से घिरी तेज लहरों में...
मुरझाई पवन के झोंके सी तैरती रहती हूँ...।
भारी वर्षा के बढ़ते जलस्तर में...
शांत झील बन डूबते सूरज की लालिमा...
से चमकती रहती हूँ...।
तेज धारा में बह चटटानों से टकरा...
शंख-सीपियों सी बिखर...
रेतीले तट की शोभा बढ़ाती रहती हूँ...।
अलविदा कहने की कोशिश में...
रोज जीती जा रही हूँ...
मुस्कुराती जा रही हूँ...!!!
वाह्ह्ह. बेहद हृदयस्पर्शी रचना नीलम जी।
जवाब देंहटाएंभाव मन छू गये।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
हटाएंश्वेता जी
बहुत ख़ूब ...
जवाब देंहटाएंनए भाव नए बिम्ब ।.. लाजवाब ।।।
बहुत बहुत आभार आपका
हटाएंशानदार रचना
जवाब देंहटाएंप्रतीकों को बुनकर बडे़ ही अलग अंदाज में लिखी गई यह रचना 🌹
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