तेरे एहसास से फिर जिन्दा हुई मैं....!!!
उजाले दीपों से...
अपनी अँजुरी में भर लाना...
आकाश में टिमटिमाते तारें...
से मेरे आंगन में सजा देना...
मेरे मन का अंधेरा...
दूर कर देना...
अपने विश्वास से...
अब अमावश न लाना...
जिन्दगी में...
चाँदनी बो देना...
मेरी जिन्दगी में...
चाहत किसी चीज की नहीं...
बस तेरी एक मुस्कान...
मेरा दिन मेरी रात...
मीठी कर जाते है...
वक्त के दरिया में...
मेरे एहसास बह गए थे...
अपने नेक इरादे से...
मेरा वो एहसास...
फिर लौटा देना तुम...
राम को सीता से अलग न करना...
राधे को कान्हा के...
गले से लगाकर रखना...
सुख-दुख में जुड़ना...
प्रेम की पाती में...
संजोकर रखना...
मेरी हर तस्वीर...
अपने हृदय में छिपाकर रखना...
अनिवार्य कुछ भी नहीं...
बस रेखांकित करना मुझे...
अपनी जिन्दगी में...
नज़रों में भर...
मेरी प्यास बुझा देना तुम...
सजीले बन...
मेरे आँचल में...
सुकून पा लेना...
अपनी अँजुरी में...
मेरा मुख छिपा...
मेरे आंसू पी जाना...
अपनी मुस्कान में...
मेरी मुस्कान मिला...
मुझे फिर से जिन्दा कर देना...
मेरा सुना जीवन...
फिर रौशन कर देना तुम...!!
अपनी अँजुरी में भर लाना...
आकाश में टिमटिमाते तारें...
से मेरे आंगन में सजा देना...
मेरे मन का अंधेरा...
दूर कर देना...
अपने विश्वास से...
अब अमावश न लाना...
जिन्दगी में...
चाँदनी बो देना...
मेरी जिन्दगी में...
चाहत किसी चीज की नहीं...
बस तेरी एक मुस्कान...
मेरा दिन मेरी रात...
मीठी कर जाते है...
वक्त के दरिया में...
मेरे एहसास बह गए थे...
अपने नेक इरादे से...
मेरा वो एहसास...
फिर लौटा देना तुम...
राम को सीता से अलग न करना...
राधे को कान्हा के...
गले से लगाकर रखना...
सुख-दुख में जुड़ना...
प्रेम की पाती में...
संजोकर रखना...
मेरी हर तस्वीर...
अपने हृदय में छिपाकर रखना...
अनिवार्य कुछ भी नहीं...
बस रेखांकित करना मुझे...
अपनी जिन्दगी में...
नज़रों में भर...
मेरी प्यास बुझा देना तुम...
सजीले बन...
मेरे आँचल में...
सुकून पा लेना...
अपनी अँजुरी में...
मेरा मुख छिपा...
मेरे आंसू पी जाना...
अपनी मुस्कान में...
मेरी मुस्कान मिला...
मुझे फिर से जिन्दा कर देना...
मेरा सुना जीवन...
फिर रौशन कर देना तुम...!!
बेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अनुराधा जी
हटाएं👌👌
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