ऐ रंगरेंज


ऐ रंगरेज़... मेरे दिल को न रंगना
अपने रंगों के घोल में मुझकों न डुबोना।
तेरे शहर में मेरा ठिकाना नहीं है।
तेरे सपनों में मेरा काजल नहीं है।

ऐ रंगरेज़...
मेरे अणु ठोस है।
तेरे रंगों को सलीका नहीं,
मेरी कालीन में पैबंद बहुत है।
तेरी बुनाई में जटिलता बहुत है।

ऐ रंगरेज़....
मेरा मोल न लगाना
अपने मूल्यों की वृद्धि न करना,
प्राकृतिक रंगों को ही स्पष्ट रखना।

ऐ रंगरेज़...
नीला रंग आसमां में उड़ा देना..
लाल रंग फूलों में भर देना..
हरा धरती के आंगन में बिछा देना..
पीला मेरी चुनर में जड़ देना..
सफेद तेरे-मेरे विश्वास का..
बस अपनी आत्मा में भर लेना..
देह को रंगना..
पर शोर न करना..
हया की लाली..
मेरे मुख पर भर देना..
मेरे दस्तावेजों में..
अपनी रंगीन छवि छुपा देना..
मेरे परिवर्तन में..
मौसमो का हाल सुना देना!!

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