कल की बात है...!!!

कल की बात है..,,
मुफ्त में पास आते..
सीने से लग कर रोते..
होठों से हँसकर शिकायत करते थे..।
उदासियों के जमघट में..
हँसी-ठिठोली करते थे..।

कैसे भूल बैठे तुम यादों का वो सिलसिला..
नदी में तैरती उजली किरण सा वो नगमा..
घाट की सीढियों की वो शरारत..।

कह लेने दो मत रोको मुझे..
मेरी आदत जो बन गए हो तुम..।

कल की बात है..,,
हाथ पकड़े टहलते थे ख़्वाबों में..
तितली पकड़ते थे नज़रो से..
कसीदे पढ़ते थे आसमानी..
बंसी की धुन पर नाचते थे अरमानी..।

कल की बात है..,,
उन्मुक्त बहते थे बातों में..
पुष्प रखते थे किताबों में..
मिलने जाते थे मंदिर में..
राह तकते थे खिड़की पर..।

कल की बात है..,,
गुजर गया वक्त कहाँ पास है..।
बहने दो ये चमकदार एहसास..
आज की रात..
कल की बात कहाँ पास है..??



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