पाती तेरी-मेरी

सुनों~~
मेरी शून्यता में भरते 
ईश्वरीय वरदान से हो तुम।
मेरी ऊर्जा के स्रोत
जहाँ मुझमें अदम्य साहस भरता है।
सुनों तुम्हारे पास तो 
मेरी हर बात का उत्तर होता है,
फिर क्यों सवालों के कटघरे में
मुझें निरुत्तर करते हो।
और यूं ही आंखों से चिढ़ाकर
बाहों के घेरे में जकड़ते हो।

सुनों~~
मूल्य बात का नहीं
तेरे साथ का है।
जो खुशबू बन
मेरे संग-संग चलता है।
वक्त तो पहले भी गुजरता था,
पर अब इंतज़ार में भी
दिल बहलता है।
काश संग तेरा पहले मिल गया होता,
तो हम और जी लिए होते।
पर कोई गम नहीं
जो मिला वो भी कम नहीं।

सुनों~~
जब तुम थक जाओ
सबको निभाते-निभाते
मुझे सिर्फ एक आवाज देना।
जब कोई न हो तुम्हारे पास
तुम मेरे पास आ जाना।
जब तुम अकेलापन महसूस करो
मुझे बुला लेना अपने पास।
मैं हर पल तुम्हारा इंतज़ार करूँगी
जब जब तुम्हें मेरी जरूरत होगी।
वादा कोई न करूँगी।
बस अपने प्रेम का वचन निभा दूँगी।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उस पार जाऊँ कैसे....!!!

प्यार के रूप अनेक

कौन किससे ज्यादा प्यार करता है??