आत्मविश्वास का जादू

अगर आपकी योजना असफल होती है तो अपने विचारों को
थोड़ा विराम दे व्यायाम करवाएं।
जरूरी नहीं हर वक्त कुछ न कुछ सोचा जाए।
जब कुछ समझ न आये तो कुछ वक्त उस काम  यूं ही 
छोड़ दे। आप देखेंगे कि उस काम का कोई न कोई हल खुद ब खुद निकल आया है।
आपका मस्तिष्क आपसे ज्यादा सजग है उसे बस एक संदेश भेज कर देखिए वो कैसे काम करता है।
आत्मविश्वास वो नहीं हर काम को हाथ डाल आजमाया जाय
आत्मविश्वास वो है जो काम की बारीकी को समझ किया जाता है। मतलब उस विषय के बारे में ज्ञान हासिल कर फिर वो काम कीजिये। फिर सफलता 99% होगी और असफलता सिर्फ 1% और आपका आत्मविश्वास बढ़कर दुगना हो जाएगा।
अपनी खोखली मानसिकता से बाहर निकलिए जहाँ प्रश्न से पहले उत्तर ढूंढा जाता है।
पहले प्रश्न ढूंढिए फिर उसका उत्तर।
अक्सर उत्तर प्रश्न के अंदर ही छुपा रहता है।
जोखिम हर काम में होता है। जहाँ जोखिम नहीं वहाँ सफलता भी नहीं याद रखिये।
जिस प्रकार सड़क पर चलने में जोखिम है। लेकिन सड़क पर चले बिना आप आप न ऑफिस जा सकते है न घर वापस आ सकते है।
मान लीजिए आपके सामने एक रेखा खींची हुई है।
बस उस रेखा के सामने एक बड़ी रेखा खींच दीजिए और 
आगे बढ़ जाइए।
यही जीवन में आगे बढ़ने का सूत्र है!



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