ये क्या किया

अंधेरे से ठीक पहले का उजास..
ढलती शाम में मिलती जैसे रात..।
सुंदर कलाकृतियों में मिलते जैसे रंग..।
मेरी अंदरूनी खुशी के तुम प्रेरणास्रोत हो।

मेरी मुस्कुराहट का मूल्य शून्य था,
तुमनें खरीद बहुमूल्य कर दिया।

धैर्य धीरे-धीरे खत्म हो रहा था,
तुमनें अपना समय मिला धैर्यवान कर दिया।

मधुर संगीत सुनने को कान तरस गए थे,
तुमनें अपनी बातों का संगीत मिला
मौसम ख़ुशगवार कर दिया।

मेरे फैसले में अपनी रजामंदी मिला
मुझे अपना कर्जदार कर दिया।
बोल तूने ये क्या किया!


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