इस तपोवन का भी अपना सौंदर्य है।
बसंत के आगमन पर उल्लास
ग्रीष्म में जलता सूरज तन जलाता है।
बसंत को तो सभी प्यार करते है।
बैशाख, जेठ में अग्निवर्षा सहते है।
ऋतुचक्र की सम्पूर्णता बसंत, वर्षा, शरद ही नहीं
शिशिर, हेमंत, और ग्रीष्म भी जरूरी है।

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