लिपिस्टिक....
न कोई सुर सजे...
न कोई रंग सजे...
होंठो पर चढ़ा पर्दा...
अब ये लाली...लिपिस्टिक...
दिखा रिझाऊं किसको...!!
मुश्किल समय है। कोरोना क्या आया महिलाओं की लिपिस्टिक भी खा गया।
मास्क लगाना अनिवार्य है,
लिपिस्टिक का भविष्य बर्बाद है।
लॉकडाउन खुलते ही स्वर्णा ऑफिस के लिए तैयार हो गई। रात में ही सुबह कौन सी साड़ी पहननी है। कौन
सा बैग लेकर जाना है। और उस बैग में क्या-क्या रखना है, सब तैयार कर लिया। पर आज उसने लिपिस्टिक नहीं रखी। लिपिस्टिक पड़ी-पड़ी उसका मुहँ ताकती रही। लेकिन स्वर्णा ने उसे कोई भाव नहीं दिया।
बेचारी लिपिस्टिक पड़ी-पड़ी आंसू ढलकाती रही।
एक समय था जब स्वर्णा के बैग में कुछ हो न हो पर लिपिस्टिक जरूर होती थी।
किसे पता था इस बेचारी लिपिस्टिक की ये दशा होगी।
पहले ऑफिस पहुँचते ही स्वर्णा एक कोट लिपिस्टिक का और लगाती थी। आज उसे ये कमी तो खल रही थी। पर लिपिस्टिक लगाने का आज उसका कोई मुड़ नहीं था। क्योंकि होंठ, मुँह सब ढके थे।
ऑफिस में कदम रखते ही स्वर्णा को उसकी सहेली मीनल मिल गई, मास्क लगाए हुए। लेकिन उसकी आँखों में ढेर सारा काजल लगा था। आइब्रो भी पहले से बहुत ज्यादा घनी लग रही थी। जो बरबस ही सभी का ध्यान अपनी और खींच रही थी।
स्वर्णा ने मीनल से कहा आज तो तेरी आँखे बहुत ही ज्यादा खूबसूरत दिखाई दे रही है। क्या लगाया है मुझे भी तो बता।
मीनल बोली अब लिपिस्टिक तो गई आई हो गई ये कोरोना हमारी लिपिस्टिक भी खा गया तो मैंने सोचा लिपिस्टिक न सही काजल से ही रूप निखार लेती हूँ।
आज मैंने काजल एक नामी कम्पनी का लगाया है, फैलेगा नहीं। और पता है आइब्रो अब नकली भी आने लगे है। हूबहू असली जैसे कोई दिक्कत भी नही इसे लगाने में और न कोई झंझट बस डिब्बी से निकालो और चिपका लो। लग रही है न मेरी आँखें बेहद सुंदर।
तू भी कल से ये लगाना शुरू कर दे।
लिपिस्टिक न सही काजल तो है न अभी।
स्वर्णा बस हाँ में हाँ मिला मुस्कुराकर अपनी सीट पर जाकर बैठ गई। और मीनल की बातें सोच-सोच मुस्कुराती रही कि मीनल ठीक ही कह रही थी।
लिपिस्टिक न सही काजल तो है न अभी।
अब लिपिस्टिक की बिक्री 80 फीसदी तक कम हो सकती है।
क्योंकि आने वाले समय में फेसमास्क इसकी जरूरत बदल देंगे। हालांकि कम्पनियों को अब विश्वास है कि महिलाओं का फोकस अब आंखों के मेकअप पर चला जायेगा। और आइब्रो प्रोडक्ट्स की मांग भी बढ़ जाएगी।
मुश्किल समय जरूर है पर हमारे हौसले आज भी बुलंद है। हमें जरूरत के अनुसार खुद को ढालना आता है।
अब लिपिस्टिक का रंग उड़ गया,
काजल का निखर गया।।
न कोई रंग सजे...
होंठो पर चढ़ा पर्दा...
अब ये लाली...लिपिस्टिक...
दिखा रिझाऊं किसको...!!
मुश्किल समय है। कोरोना क्या आया महिलाओं की लिपिस्टिक भी खा गया।
मास्क लगाना अनिवार्य है,
लिपिस्टिक का भविष्य बर्बाद है।
लॉकडाउन खुलते ही स्वर्णा ऑफिस के लिए तैयार हो गई। रात में ही सुबह कौन सी साड़ी पहननी है। कौन
सा बैग लेकर जाना है। और उस बैग में क्या-क्या रखना है, सब तैयार कर लिया। पर आज उसने लिपिस्टिक नहीं रखी। लिपिस्टिक पड़ी-पड़ी उसका मुहँ ताकती रही। लेकिन स्वर्णा ने उसे कोई भाव नहीं दिया।
बेचारी लिपिस्टिक पड़ी-पड़ी आंसू ढलकाती रही।
एक समय था जब स्वर्णा के बैग में कुछ हो न हो पर लिपिस्टिक जरूर होती थी।
किसे पता था इस बेचारी लिपिस्टिक की ये दशा होगी।
पहले ऑफिस पहुँचते ही स्वर्णा एक कोट लिपिस्टिक का और लगाती थी। आज उसे ये कमी तो खल रही थी। पर लिपिस्टिक लगाने का आज उसका कोई मुड़ नहीं था। क्योंकि होंठ, मुँह सब ढके थे।
ऑफिस में कदम रखते ही स्वर्णा को उसकी सहेली मीनल मिल गई, मास्क लगाए हुए। लेकिन उसकी आँखों में ढेर सारा काजल लगा था। आइब्रो भी पहले से बहुत ज्यादा घनी लग रही थी। जो बरबस ही सभी का ध्यान अपनी और खींच रही थी।
स्वर्णा ने मीनल से कहा आज तो तेरी आँखे बहुत ही ज्यादा खूबसूरत दिखाई दे रही है। क्या लगाया है मुझे भी तो बता।
मीनल बोली अब लिपिस्टिक तो गई आई हो गई ये कोरोना हमारी लिपिस्टिक भी खा गया तो मैंने सोचा लिपिस्टिक न सही काजल से ही रूप निखार लेती हूँ।
आज मैंने काजल एक नामी कम्पनी का लगाया है, फैलेगा नहीं। और पता है आइब्रो अब नकली भी आने लगे है। हूबहू असली जैसे कोई दिक्कत भी नही इसे लगाने में और न कोई झंझट बस डिब्बी से निकालो और चिपका लो। लग रही है न मेरी आँखें बेहद सुंदर।
तू भी कल से ये लगाना शुरू कर दे।
लिपिस्टिक न सही काजल तो है न अभी।
स्वर्णा बस हाँ में हाँ मिला मुस्कुराकर अपनी सीट पर जाकर बैठ गई। और मीनल की बातें सोच-सोच मुस्कुराती रही कि मीनल ठीक ही कह रही थी।
लिपिस्टिक न सही काजल तो है न अभी।
अब लिपिस्टिक की बिक्री 80 फीसदी तक कम हो सकती है।
क्योंकि आने वाले समय में फेसमास्क इसकी जरूरत बदल देंगे। हालांकि कम्पनियों को अब विश्वास है कि महिलाओं का फोकस अब आंखों के मेकअप पर चला जायेगा। और आइब्रो प्रोडक्ट्स की मांग भी बढ़ जाएगी।
मुश्किल समय जरूर है पर हमारे हौसले आज भी बुलंद है। हमें जरूरत के अनुसार खुद को ढालना आता है।
अब लिपिस्टिक का रंग उड़ गया,
काजल का निखर गया।।
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