किराए की कोख

किराए की कोख-----

सुनेत्री एक 30, 35 साल की आम ग्रहणी थी। पति जिग्नेश एक बिजली मिस्त्री, और उसके 2 बेटे थे।
जिग्नेश की कमाई से घर में सिर्फ दाल-रोटी ही बन पाती थी।
बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। पर सुनेत्री अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाना चाहती थी। पर उसके पास इतने पैसे नहीं थे, इसलिए वो थोड़ी परेशान सी रहती थी। 
और इसी बात को लेकर अक्सर उसके और जिग्नेश के बीच झगड़ा हो जाता था।

एक दिन बातों-बातों में उसकी पड़ोसन ने बताया तू भी पैसे कमा सकती है। मेरी भाभी की तरह किसी और का बच्चा जन कर। वो आवाक रह गई। 
किसी और का बच्चा, हाँ सुनेत्री बहन किसी और का बच्चा तुम उन्हें उनका बच्चा पैदा करके दो वो इसके बदले तुम्हें पैसे देंगे। मेरी भाभी ने ऐसा ही किया था। मुझे तो आज मेरी माँ ने सब बताया है। और वो सब लोग अब पैसे लेकर, और दुआएं लेकर बहुत खुश है।
मेरी समझ में तो कुछ नही आया बहन, देखो सुनेत्री बहन अगर तुम भी पैसे कमाना चाहती हो तो बताओ। अभी तुम पैसे कमा सकती हो। क्योंकि अभी तुम बच्चा पैदा करने की सारी शर्तो पर खरी उतरती हो। तुम कहो तो मैं अपनी माँ से बात करूँ तुम्हारे लिए?  नहीं बहन रुको पहले मैं अपने पति से इस बारे में बात कर लेती हूँ।  ठीक है!
पर मुझे कुछ तो बताओ इस बारे में किसी और का बच्चा??
देखो सुनेत्री बहन एक जर्मनी के दम्पत्ति है माँ ने बताया है। उनकी कोई औलाद नहीं है न उनकी पत्नी अब बच्चा जन सकती है, क्योंकि वो बच्चा जनने में सक्षम नही है। ये बहुत अच्छा और नेक काम है। तुम उन दोनों को एक बच्चा दे सकती हो। क्योंकि तुम उनकी शर्तो पर खरी उतरती हो।
वो कैसे, वो ऐसे की तुम सुंदर हो, 35 साल से ऊपर नहीं और पहले से दो बच्चों की माँ हो इसलिए।
डॉक्टर उन दोनों से निषेचित अंडे तुम्हारी कोख में रख भ्रूण बड़ा करेंगे। इसमें शारीरिक सम्बंध की भी कोई जरूरत नहीं होती है। बस तुम्हारी कोख बच्चा पैदा करने के लिए इस्तेमाल होगी और इसके बदले में तुम्हें अच्छे पैसे मिलेंगे फिर तुम अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूल में दाखिला दिला सकती हो।

तुम अपने पति से बात कर लेना, फिर मैं तुम्हें अपनी माँ से पूछ उन डॉक्टर से मिलवा दूँगी। मैं तो बस तुम्हारी मदद करना चाहती हूँ बहन ये तुम्हारा रुआंसा चेहरा अब देखा नहीं जाता है इसलिए।

ठीक है बहन मैं कल अपने पति से बात करके बताती हूँ।
सुनेत्री ने रात को अपने पति जिग्नेश का अच्छा मुड़ देख पूरी बात पड़ोसन वाली बता दी पहले तो जिग्नेश ने मना कर दिया पर बहुत कहने पर मान गया सवाल पैसों का जो था।

दूसरे दिन तीनों डॉक्टर के पास पहुँच गए और डॉक्टर ने सारी बाते उनको समझा दी कि 1 लाख रुपये मिलेंगे पर एक साथ नहीं पहली किस्तों में मिलेंगे, और गर्भावस्ता का सारा खर्च भी वो दम्पत्ति उठाएंगे। अस्पताल का सारा बिल भी वो ही देंगे इनको बस अपने पेट मे पल रहे बच्चे का ध्यान रखना है, पूरे 9 महीने तक उसके बाद वो पूरी रकम दे बच्चा ले जाएंगे।

डॉक्टर के कहे अनुसार बच्चा सनेत्री की गर्भ में आ गया और वो गर्भवती हो गई। सब खुश थे, जिग्नेश बस पैसों का हिसाब लगा रहता था हमेशा।

पर एक दिन जिग्नेश रात में पी कर आ गया और सुनेत्री से जबरजस्ती करने लगा सुनेत्री को अब 7वां महीना चल रहा था।
सुनेत्री ने जिग्नेश को बहुत रोकने की कोशिश की इस हाथा- पाई में सुनेत्री के पेट पर जिग्नेश की एक जोरदार लात पड़ गई। और सुनेत्री को अस्पताल ले जाना पड़ा। अब ये बच्चा मर चुका था। लिहाज उनको सिर्फ अस्पताल का खर्च दे विदा कर दिया गया और डॉक्टर ने 10 खरी-खोटी सुनाई वो अलग। और ये भी कहा अब ये दुबारा कभी माँ भी नहीं बन सकती है।

ये सब अचानक नहीं हुआ था। जैसे-जैसे सुनेत्री का पेट बढ़ रहा था जिग्नेश का पारा भी चढ़ रहा था, किसी और का बच्चा अपनी पत्नी के पेट मे देख। सुनेत्री भी सबसे छिपकर घर मे ही रह रही थी। बच्चों को झूठी कहानी सुना रही थी, तुम्हारा तीसरा भाई आने वाला है। सुनेत्री एक पीड़ा से गुजर रही थी।
किस्तों में मिले पैसों से जिग्नेश ऐश कर रहा था।
और पीने भी लगा था।
और पीने की वजह से ये हादसा हो गया।
वो अब भी एक पीड़ा में है बच्चा मर जाने के दुख में है आखिर बड़ा तो उसके गर्भ में ही हो रहा था।
वो उसकी भी थी तो माँ न!

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