हथिनी की मौत

दक्षिण भारत के केरल राज्य में एक गर्भवती हथिनी की विस्फोटक भरा अनानास खाने से मौत ने मानवता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.कुछ शरारती तत्वों ने हथिनी को विस्फोटक भरा अनानास खिला दिया. मानव और जानवरों के बीच संघर्ष में मानवता के पतन की ये एक और कहानी है.

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक हथिनी की उम्र 14-15 साल रही होगी।

घायल होने के बाद वो इतनी पीड़ा में थी कि तीन दिन तक वेलियार नदी में खड़ी रही और उस तक चिकित्सीय मदद पहुंचाने के सभी प्रयास नाकाम रहे।

इस दौरान उसका मुंह और सूंढ़ पानी के भीतर ही रहे।

उस मूक पशु का दर्द शब्दों में ब्यान नहीं हो सकता है।

विस्फोटक भरा अनानास खाने से उसके जबड़ो को गम्भीर चोट पहुंची थी। उसके दांत भी टूट गए थे। वो तीन दिन तक पानी मे खड़ी रही थी और सिर्फ पानी ही पी पा रही थी।

और अंत में वो इस दुनियां से चली गई। इंसान राक्षस बन गया है।  यह एक घटना नहीं, बल्कि हत्या है। एक गर्भवती हथनी को बम से भरा हुआ अनानास खिलाया गया जिससे उसकी ये दुर्दशा हुई।

मलप्पुरम इस तरह की घटनाओं के लिए बदनाम है। यह पूरे भारत में सबसे हिंसक जिला है। यहाँ पर लोग सड़कों पर जहर फेंक देते है, ताकि एक समय में 300-400 पक्षी और कुत्ते इन्हें खाकर मर जाए। इंसानियत को शर्मशार करने करने वाली घटनाएं वहाँ होती रहती है।

केरल में हर 3 दिन में एक हाथी मारा जाता है। हमारे पास भारत में  20,000 से भी कम हाथी बचे हैं, वे तेजी से घट रहे है। निर्दोष जानवरों के प्रति ये कैसा रवैया है। 




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