पनिहारिन (बारिश)

 

केश कुंतल काले-काले

वर्षा में भीगे नैन मतवारे।

स्यामल-स्यामल देह

नैन कजरारे

होंठो पर लाल पलाश दहके

नथनी में हीरा दमके

गले में काले मोती चमके

बदन पर सितारों जड़ी चुनरी बहके

हाथों में हरी चूड़ी खनके

पांवों में पायल बजे

बर्षा के घुंघरू बांधे

छम-छम नाचे

ये बावली पनिहारिन

गगरी भर छलके

कच्ची सड़क पर

पक्के मन की, पक्के रंग की

ये पनिहारिन

कच्ची दूब पर

घाट किनारे सखियों संग

धूम मचाये, रास रचाये

वर्षा संग बूंद बन

नदी बीच नदी बन बहे

पथरीली राहों पर

झील बन झरने सी बहे

ये पनिहारिन!




टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उस पार जाऊँ कैसे....!!!

प्यार के रूप अनेक

कौन किससे ज्यादा प्यार करता है??