सावन
सावन का गोत्र क्या है ?
सावन की जाती क्या है ?
सावन का पद क्या है ?
सावन का मनुहार इतना हरा क्यों गया ?
सावन का दुलार इतना गीला क्यों है ?
सावन का गोत्र "काली बदली"
सावन की जाती "हरी"
सावन का पद "प्रेम"
सावन की मनुहार "रुनझुन बरसात"
सावन का दुलार "गीला हर द्वार"
सावन का लिहाफ़ "मधुर हर तान"
आंगन भीगा, तुलसी भीगी
मोगरे की गीली खुशबू
गुलाब संग उड़ी।
थाल भर मालपुए की महक
नथुनों में भरी।
धीरज न रहा
कांसे के थाल में
सब गुड़ की लापसी से
सज गए।
सब श्रावणी घुंघरू में बंध
एक हो गए !!
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