जिंदगी हीरा है? ( मौत )

 


बंजर ज़मी पर , महंगे आँसुओ की सिंचाई क्या हुई ,

खेत लहलहा उठे , हीरे की बेसुमार पैदावार हुई ,
सब हीरे लूटने को बेक़रार होने लगे ,
लेकिन सब की क़िस्मत में हीरे नहीं होते है ,
खुद महंगे आँसुओ की मालकिन भी हैरान हो गई ,
जब सब उसका मोल पूछने लगे ,
लेकिन उसकी हसरत अब सिर्फ हीरा चाट कर........
कान्हा की गोद में कुछ पल सो खुले आसमां में लौटना है ,
क्योंकी वहाँ सब उसका इन्तज़ार कर रहे है , जाने कब से
चाँद उसे देखने को बेताब है , करीब से........
तारे रात में उसके साथ छुपा-छुपाई का खेल खेलना चाहते है ,
जुगनू उसे अपनी मद्धम रौशनी में चैन से सोते देखना चाहते है
काली उड़ती बदली उसके साथ मचल-मचल बरसना चाहती है
पुरवइया पवन उसे खुद के साथ बहाना चाहती है ,
सारा आसमां उसका पलके बिछाए इंतज़ार कर रहा है ,
और वो उन सब से मिलने के लिए बेक़रार है ,
जाने कब से ,
बस एक सुकून की नींद आये तो ये वहाँ जाये ,
जहाँ सब उसके अपने है ,
कोई पराया नहीं है ,
ज़मी सा...........!!


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उस पार जाऊँ कैसे....!!!

पीड़ा...........!!!

एक हार से मन का सारा डर निकल जाता है.....!!