रांड (एक गाली)

 


रांड  (एक गाली)


राजस्थान के गांवों क्या शहरों तक में औरतों को दी जाने वाली एक आम, भद्दी, अपमानजनक  गाली। 

ये गाली सास अपनी बहू को,  माँ तक अपनी बेटी को

देती हुई दिख जाएगी। पुरुषों का तो आप समझ सकते होंगे वो किस- किस को रांड नहीं कहते होंगे।

क्या अनपढ़ क्या पढ़े-लिखे सभी कभी न कभी इस गाली का कहीं भी शान से इस्तेमाल कर लेते है।

हमारा सभ्य समाज और भाषा भद्दी गालियों का।


एक कहानी रांड...

शनिश्चरी के पैदा होते ही उस पर शनिश्चर लग गया था।

एक तो देखने में थोड़ी पक्के रंग की और उस पर उसके बाल भी भूरे रंग के थे। हालाकि उसके नाक-नक्स बहुत सुंदर थे। कुल मिलाकर वो दिखने में इतनी बुरी भी नहीं लगती थी। लेकिन पूरा घर उसे उसके दिखने को लेकर ताने मारने से बाज नहीं आता था।

और गाहे-बगाहे उसे "रांड" कहकर संबोधित कर दिया जाता था। शनिश्चरी को उसे "रांड" कहना अच्छा नहीं लगता था। 


गांव में लड़कियों को आठवीं के बाद पढ़ाने का रिवाज नहीं था सो उसकी भी पढ़ाई छुड़वा दी गई। 

गांव का ही एक लड़का रमेश उसे मन ही मन प्रेम करने लगा था। 


शनिश्चरी के घर में एक गाय थी।

और वो लड़का रोज सुबह वहाँ दूध लेने आता था।

गाय का दूध अक्सर शनिश्चरी ही निकालती थी सुबह का।


रमेश को शनिश्चरी का स्वभाव बहुत अच्छा लगता था। और वो उसके व्यहार पर मुग्ध हो गया था।

अब वो अक्सर दूध लेने समय से पहले ही पहुँच जाता और शनिश्चरी से खूब बातें करता।


एक दिन शनिश्चरी की माँ ने उन दोनों को बातें करते और खिलखिला कर हँसते हुए देख लिया था।

माँ - "रांड" आज काईं बात कर री ही बी छोरा स।

शनिश्चरी - काईं बात कोण कर री ही।

और बात आई गई हो गई। 


अब शनिश्चरी के लिए लड़का देखा जाने लगा और जल्द ही उसके हाथ पीले हो गए। रमेश शनिश्चरी के बारे में सोचता ही रह गया कुछ नहीं कर पाया।


शनिश्चरी का ब्याह दूसरे गांव के सोमनाथ से हुआ।

शादी पैसे की बदौलत हुई थी इसलिए शनिश्चरी को शुरू में किसी ने कुछ नहीं कहा लेकिन 1 महीने बाद ही सबके रंग-ढंग बदल गए। सास अब उसे "रांड" कहकर ही बुलाने लगी थी। सास तो छोड़िए अब ससुर, पति, देवर, ननद सब उसे कभी भी "रांड" बोल देते थे।

वो भी अब इस "रांड" शब्द की आदि हो गई थी।

2 महीने बाद जब वो अपने पीहर गई तो 2 महीने का गर्भ उसके पेट में था। ये बात उसे पीहर जाकर पता चली की वो गर्भवती है।

उसके गर्भवती होने की खबर उसके माँ ने उसके ससुराल वालों को दी, 'तो सास ने कहा "रांड" दो महीने की पेट से है और ये बात समधन अब थे म्हाने बता री हो।' या तो हद कर दी आप लोगा न।

अब उसे बच्चा जनने तक वहीं रखों बच्चा होने के बाद उसे लेने आ जाएंगे। शनिश्चरी की माँ ने हामी भर दी।


अब शनिश्चरी पीहर का घर का पूरा काम करने लगी और माँ को आराम देने लगी। लेकिन माँ लाड़ से भी उसे "रांड" ही कहती।


एक दिन वो घर में अकेली थी घर के लोग किसी शादी में गए थे। पीछे से उसी गांव के तीन गुंडे लड़के उसके घर में घुस गए और उसे डरा-धमकाकर जान से मारने की धमकी देखर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। गुंडों ने उसकी बहुत बुरी दुर्दशा की उसके प्राइवेट पार्ट में बोतल तक डाल दी थी।

एक तो वो गर्भवती उस पर सामूहिक बलात्कार और प्राइवेट पार्ट में बोतल डालने की वजह से अत्यधिक रक्तस्राव हुआ। घरवालों ने आकर उसे हॉस्पिटल पहुंचाया लेकिन वो उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को नहीं बचा पाए। 


पुलिस आई शनिश्चरी के बयान हुए गुंडे तो पकड़े गए लेकिन गांव भर में शनिश्चरी बदनाम हो गई।

लोग उल्टा उसे ही दोषी ठहराने लगे थे।

पीठ पीछे कहते वो "रांड" तो थी ही ऐसी।

उसकी शादी टूट गई।

अब वो पूरे घर को बोझ नजर आने लगी थी।

अब उसके पिताजी भी इस "रांड" का क्या होगा कहने लगे थे। 

शनिश्चरी कब सबके लिए रांड हो गई खुद शनिश्चरी भी नहीं जान पाई थी।

उसकी दुबारा शादी हुई नहीं या यूं कह ले उससे दुबारा शादी किसी ने नहीं की। वो अपने ही घर मे नोकरानी बन कर रह गई।


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