चित्रकारी.....
सफल लोगों का काम आसान दिखता है,
लेकिन उसके पीछे कठिन संघर्ष होता है।
सीख--कई बार किसी सफल व्यक्ति को देखकर लगता है कि सफलता पाना तो बहुत आसान है, लेकिन लोग उस सफलता को पाने के लिए उसके संघर्ष को नहीं देख पाते हैं।
इसे चित्रकार और युवती की कहानी से समझे--
एक बहुत बड़े चित्रकार थे। उनके बनाये चित्र बहुत ही महंगे होते थे। एक बार वह कहीं जा रहे थे तो मार्ग में रात होने पर वह किसी गांव में रुक गए। उस गांव में रहने वाली एक लड़की ने उन्हें पहचान लिया। वह चित्रकार के पास गई और उन्हें प्रणाम किया और बताया कि वह उनके चित्रों की बहुत बड़ी प्रशंसक है।
उसने चित्रकार से आग्रह किया कि वह उसके लिए एक चित्र बनाएं। उस चित्रकार ने अपने थैले से एक कागज निकाला और कुछ ही समय में एक चित्र बनाकर उस लड़की को दे दिया। उस लड़की ने जब इतनी जल्दी बना हुआ चित्र देखा तो उसे बहुत निराशा हुई। उसने सोचा कि चित्रकार ने उसे टालने के लिए जल्दबाजी में यह चित्र बनाया है। उसके हावभाव को चित्रकार समझ गए और उन्होंने कहा कि इस चित्र का मूल्य एक हजार स्वर्ण मुद्राएं हैं। युवती को विश्वास नहीं हुआ और वह अगले ही दिन सुबह ही शहर में स्थित कलादीर्घा में चित्र लेकर पहुंच गई। वहां उसे पता चला कि चित्रकार ने सही कहा था और इस चित्र की कीमत एक हजार स्वर्ण मुद्राएं है। वह दौड़कर दोबारा चित्रकार के पास पहुंच गई और उसने कहा कि वह उसे भी चित्र बनाना सिखाएं, ताकि वह कुछ ही क्षणों में ऐसा चित्र बना सके जिसकी कीमत एक हजार स्वर्ण मुद्रा हो। चित्रकार ने कहा कि उन्होंने कुछ क्षणों में चित्र बनाने की कला सीखने के लिए तीस साल लगाए हैं। अगर वह भी तीस साल लगा सकती है तो उसे भी ऐसा चित्र बनाना आ सकता है।
लेकिन उसके पीछे कठिन संघर्ष होता है।
सीख--कई बार किसी सफल व्यक्ति को देखकर लगता है कि सफलता पाना तो बहुत आसान है, लेकिन लोग उस सफलता को पाने के लिए उसके संघर्ष को नहीं देख पाते हैं।
इसे चित्रकार और युवती की कहानी से समझे--
एक बहुत बड़े चित्रकार थे। उनके बनाये चित्र बहुत ही महंगे होते थे। एक बार वह कहीं जा रहे थे तो मार्ग में रात होने पर वह किसी गांव में रुक गए। उस गांव में रहने वाली एक लड़की ने उन्हें पहचान लिया। वह चित्रकार के पास गई और उन्हें प्रणाम किया और बताया कि वह उनके चित्रों की बहुत बड़ी प्रशंसक है।
उसने चित्रकार से आग्रह किया कि वह उसके लिए एक चित्र बनाएं। उस चित्रकार ने अपने थैले से एक कागज निकाला और कुछ ही समय में एक चित्र बनाकर उस लड़की को दे दिया। उस लड़की ने जब इतनी जल्दी बना हुआ चित्र देखा तो उसे बहुत निराशा हुई। उसने सोचा कि चित्रकार ने उसे टालने के लिए जल्दबाजी में यह चित्र बनाया है। उसके हावभाव को चित्रकार समझ गए और उन्होंने कहा कि इस चित्र का मूल्य एक हजार स्वर्ण मुद्राएं हैं। युवती को विश्वास नहीं हुआ और वह अगले ही दिन सुबह ही शहर में स्थित कलादीर्घा में चित्र लेकर पहुंच गई। वहां उसे पता चला कि चित्रकार ने सही कहा था और इस चित्र की कीमत एक हजार स्वर्ण मुद्राएं है। वह दौड़कर दोबारा चित्रकार के पास पहुंच गई और उसने कहा कि वह उसे भी चित्र बनाना सिखाएं, ताकि वह कुछ ही क्षणों में ऐसा चित्र बना सके जिसकी कीमत एक हजार स्वर्ण मुद्रा हो। चित्रकार ने कहा कि उन्होंने कुछ क्षणों में चित्र बनाने की कला सीखने के लिए तीस साल लगाए हैं। अगर वह भी तीस साल लगा सकती है तो उसे भी ऐसा चित्र बनाना आ सकता है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें