सम्मान

घर में घुस आए एक चोर को एक सेठ ने पकड़ा किंतु मुकदमें में फ़ैसला चोर के पक्ष में आया!  कैसे?
पढ़िए एक दिलचस्प क़िस्सा।


घटना जापान की है। एक चोर चोरी करने के उद्देश्य से एक सेठ के घर दाख़िल हुआ। मालिक को सोता पाकर चोर ने क़ीमती समान को सूटकेस में जमा करना शुरू कर दिया। यहां तक कि ख़ाली पाकर उसने किताब और कपड़ो तक को भी न छोड़ा।
तभी सहसा सेठ की आंखे खुल गईं। दूसरे कमरे से हो रही खटपट से वह समझ गया कि दाल में कुछ काला है। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे।
टेलीफोन भी उसी कमरे में था, जिसमें चोर मौजूद था।
कुछ न सुझा तो सेठ ने ग्रामोफ़ोन पर राष्ट्रगान का रिकॉर्ड लगा दिया। चोर ने राष्ट्रगान की धुन सुनी तो वह सावधान की मुद्रा में खड़ा हो गया। सेठ ने मौका पाकर चोर के हाथ-पैर बांध दिए और पुलिस ने आकर चोर को गिरफ़्तार कर लिया।
गवाही के लिए सेठ को भी बुलाया गया। सेठ ने चोर को चतुराई से पकड़ने की कहानी सुनाई। चोर के राष्ट्रप्रेम को देखकर वहां मौजूद जनसमूह भी दंग रह गया। अदालत ने फ़ैसला सुनाया, 'इतना बड़ा राष्ट्रभक्त मजबूरी में ही चोरी कर सकता है। असल वजह जाने बिना सजा देना भी गुनाह है। लिहाज़ा इसे बाइज्ज़त बरी किया जाता है, साथ ही आगे से चोरी न करने की हिदायत भी दी जाती है।'

उपस्थित लोग एक बार फिर तब चौक उठे, जब अदालत ने सेठ को राष्ट्रगान का अपमान करने अपराध में 2 वर्ष की क़ैद सुनाई क्योंकि राष्ट्रगान बजने के समय सावधान की मुद्रा में न खड़ा रहकर वह चोर को बांधने में लगा था।

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